इस लेख में, हम चर्चा करेंगे
- इंट्राडे ट्रेडिंग का उदाहरण
- इंट्राडे ट्रेडिंग किसे करनी चाहिए?
- इंट्राडे ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं
- इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं?
- इंट्राडे ट्रेडिंग शुरू करने से पहले जानने योग्य 10 महत्वपूर्ण बिंदु
- इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे शुरू करें?
इंट्राडे ट्रेडिंग का उदाहरण
आइए आसान उदाहरण से समझें कि इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे काम करती है: ABC लिमिटेड सुबह 9:15 बजे 500 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा था। दोपहर तक शेयर की कीमत बढ़कर 550 रुपये प्रति शेयर हो गई थी। श्री राम एक इंट्राडे व्यापारी है जिन्होंने सुबह ABC लिमिटेड के 1000 शेयर को 500 रुपये मे खरीदा। उन्होंने दोपहर में अपने शेयर 550 रुपये पर बेच दिया। ऐसा करके उन्होंने 50 रुपये प्रति शेयर यानी 10 रुपये का मुनाफा कमाया। कुछ ही घंटों में 50,000 रुपये का मुनाफा। इस तरह इंट्राडे ट्रेडिंग होती है।यदि आप इंट्राडे ट्रेडिंग में अपनी स्थिति क्लोज नहीं करते हैं तो क्या होता है?
यदि आप कारोबारी दिन के अंत में अपनी स्थिति को क्लोज नही करते हैं, तो आपके ब्रोकर स्थिति को समाप्त कर सकता है या इसे वितरण व्यापार में परिवर्तित कर सकता है।इंट्राडे ट्रेडिंग और रेगुलर ट्रेडिंग में क्या अंतर है?
'डिलीवरी' इंट्राडे ट्रेडिंग और रेगुलर ट्रेडिंग के बीच का अंतर है। इंट्राडे ट्रेडिंग में, शेयरों की डिलीवरी प्राप्त नहीं होती है यानी आपके डीमैट खाते में शेयर जमा नहीं होते हैं। रेगुलर ट्रेडिंग में, आपके डीमैट खाते से T+2 दिनों में शेयर डेबिट (घटाना) या क्रेडिट (जोड़ना) किए जाते हैं।इंट्राडे ट्रेडिंग किसे करनी चाहिए?
इंट्राडे ट्रेडिंग जोखिम भरा है और एग्रेसिव निवेशकों के लिए उपयुक्त है। यदि आपके पास पूरे दिन व्यस्त रहते हैं और आप नियमित रूप से बाजारों को ट्रैक नहीं कर सकते हैं, तो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग से बचना चाहिए। जिन व्यापारियों के पास बाजार के रुझानों और संकेतकों को बारीकी से ट्रैक करने के लिए समय, संसाधन और अनुभव है, उन्हें इंट्राडे ट्रेडिंग करनी चाहिए।इंट्राडे ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं
इंट्राडे ट्रेडिंग की मुख्य बातों को कवर करने के बाद, आइए इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदों को समझें।-
रातोंरात जोखिम हटाना:
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कोई पूंजी ब्लॉकिंग नहीं है:
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अधिक लिवरेज:
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तेजी और मंदी दोनों बाजारों का लाभ:
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आधिक मुनाफा:
इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं?
डे ट्रेडिंग का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इसमें समय लगता है। डे ट्रेडर्स को लगातार बाजारों को ट्रैक करना पड़ता है, और यहां तक कि एक सेकंड की देरी से भी भारी नुकसान हो सकता है। डे ट्रेडिंग का एक और नुकसान उच्च ब्रोकरेज लागत है। चूंकि डे ट्रेडर्स लगातार शेयर खरीदते और बेचते हैं, इसलिए उन्हें भारी ब्रोकरेज शुल्क देना पड़ता है। लेकिन सैमको जैसे डिस्काउंट ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग अकाउंट खोलकर इससे बचा जा सकता है। सैमको के साथ, इंट्राडे ट्रेडर्स कभी भी प्रति ट्रेड 20 रुपये से अधिक का भुगतान नहीं करेंगे।इंट्राडे ट्रेडिंग शुरू करने से पहले जानने योग्य 10 महत्वपूर्ण बिंदु
इंट्राडे ट्रेडर्स एक त्वरित निर्णय लेने वाला होना चाहिए। चूंकि पोजीशन उसी दिन बंद हो जाती है, इसलिए आपको गेम में शीर्ष पर बने रहने के लिए तेजी से कार्य करने की आवश्यकता है। इंट्राडे ट्रेडिंग शुरू करने से पहले विचार करने के लिए यहां 10 महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं। 1. ऐसे स्टॉक चुनें जिन्हें आसानी से बेचा जा सके: यह शुरुआती इंट्राडे स्टॉक चयन टिप आपको भारी नुकसान से बचा सकता है। व्यापारियों को अधिक लिक्विड वाले शेयरों को चुनना चाहिए ताकि वे उसे दिन के किसी भी समय आसानी से बेच सकें। ट्रेडिंग में लिक्विड और अनिश्चितता का उपयोग करना सीखें। 2. पेनी स्टॉक्स से दूर रहें: वे स्टॉक्स जो बहुत कम कीमतों पर ट्रेड करते हैं, पेनी स्टॉक्स कहलाते हैं। ये स्टॉक अत्यधिक इनलिक्विड होते हैं यानी इन्हे बेचना मुश्किल होता है और इनमें अधिक उतार-चढ़ाव होता है। पैनी स्टॉक्स में इंट्राडे ट्रेडिंग शार्क के साथ तैरने के समान है! 3. बड़े बाजार के सहसंबंध वाले शेयरों का चयन करें: इंट्राडे ट्रेडिंग में, बाजार के रुझान और संकेतकों का पालन करने से आपको लाभ कमाने में सहायक हो सकते है। सामान्य बाजार के नियम का पालन करें और उन शेयरों में निवेश करें जो बाजार के समान दिशा में चलते हैं। इसलिए, यदि पॉजिटीव की उम्मिद है, तो उन शेयरों की तलाश करें जो महंगे होंगे। यदि बाजार की धारणा नकारात्मक है, तो उन शेयरों की तलाश करें जो गिर सकते हैं।| 4. भाग्य रिसर्च का एक प्रतिफल है: इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए शेयरों का चयन करते समय, गहन बाजार रिसर्च करना महत्वपूर्ण है। यदि आपके पास इंट्राडे ट्रेडिंग में अनुभव नहीं है, तो शुरुआत में आपका मार्गदर्शन कर सके, आपको एक ब्रोकर से परामर्श लेना चाहिए। 5. जियोपॉलिटिक्स शेयरों में व्यापार: कुछ स्टॉक जियोपॉलिटिक्स घटनाओं जैसे कि चुनाव, जीडीपी जारी करना, बेरोजगारी डेटा आदि के दौरान अधिक अस्थिर होते हैं। यहां तक कि देशों के बीच जियोपॉलिटिक्स तनाव भी इंट्राडे व्यापारियों के लिए लाभ के अवसर प्रदान कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बीच हालिया व्यापार युद्ध भारत के लिए लाभदायक साबित हो सकता है क्योंकि विनिर्माण चीन से भारत में स्थानांतरित हो सकता है। ऐसे में मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट शेयरों में तेजी आ सकती है। 6. ऐसे शेयरों का चयन करें जो बाजार की खबरों के प्रति सेंसिटीव हों: इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए शेयरों का चयन करने का एक अन्य तरीका उनकी तिमाही आय का अध्ययन करना है। उदाहरण के लिए: एबीसी लिमिटेड के शेयर 200 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे हैं। कंपनी अपनी दूसरी तिमाही लाभ सुबह 11 बजे घोषित करने वाली है। श्री राम को उम्मीद है कि लाभ बाजार की उम्मीदों से मेल खाएगी और शेयर की कीमत बढ़ेगी। सौभाग्य से, कीमत प्रति शेयर 250 रुपये तक बढ़ जाती है। अब, इंट्रा डे प्रॉफिट बनाने के लिए, श्री राम 250 रुपये में शेयर बेच सकते हैं, और 50 रुपये प्रति शेयर का लाभ बुक कर सकते हैं! अगर आपको लगता है कि शेयर गिरेगा तो आप इंट्राडे शॉर्ट सेलिंग भी कर सकते हैं। 7. सख्ती से स्टॉप-लॉस का उपयोग करें: स्टॉप-लॉस एक महत्वपूर्ण जोखिम प्रबंधन उपकरण है, जिसका पालन इंट्राडे ट्रेडर्स सहित सभी ट्रेडर्स को करना चाहिए। जैसा कि नाम से पता चलता है, स्टॉप-लॉस आपको अपने 'नुकसान' को 'रोकने' में मदद करता है। स्टॉप-लॉस कैसे काम करता है, इसे श्री राम के उदाहरण से समझते हैं। मान लिजिये यदि कंपनी के नुकसान की रिपोर्ट आती है और शेयर की कीमत 190 रुपये तक गिर जाती है। अपने नुकसान को रोकने के लिए, श्री राम 190 रुपये पर स्टॉप-लॉस लगा सकते हैं। जैसे ही स्टॉक की कीमत 190 रुपये पर पहुंचती है, उनकी पोजीशन क्लोज हो जाएगी। इसलिए, भले ही स्टॉक 150 रुपये पर क्लोज हो लेकिन श्री राम का घाटा 10 रुपये (200 रुपये से 190 रुपये) होगा, न कि 50 रुपये। 8. लालची न बनें: लालच हर ट्रेडर का दुश्मन होता है, खासकर इंट्राडे ट्रेडिंग में। लालच के कारण मूल्य के लक्ष्य तक पहुंचने पर भी डे ट्रेडर अक्सर अपना पोजीशन क्लोज नहीं करते हैं। वे स्टॉक की कीमत के और बढ़ने का इंतजार करते हैं। ज्यादातर मामलों में यह रणनीति फेल हो जाती है और व्यापारियों का नुकसान होता है। इसलिए इंट्राडे ट्रेडर्स को पोजीशन लेने से पहले एक निश्चित लक्ष्य मूल्य निर्धारित करना चाहिए। 9. अपने बाहर निकलने की योजना बनाएं: हवाई जहाज से लेकर शेयर बाजार तक, बाहर निकलने की योजना बहुत महत्वपूर्ण है। अक्सर, शुरुआती इंट्राडे ट्रेडर जब वे स्टॉक में मामूली मूल्य वृद्धि देखते हैं, तो पूरा लक्ष्य पाये बिना समय से पहले अपना स्टॉक बेच देते हैं। इसलिए, डे ट्रेडर को व्यापार शुरु करने से पहले ही अपने निकास स्तर की योजना बना लेनी चाहिए। 10. अपनी पूरी पूंजी को जोखिम में न डालें: इंट्राडे ट्रेडिंग की दुनिया बहुत रिस्की है। लेकिन नए निवेशक अक्सर एक ही बार में अपनी पूरी पूंजी गंवा बैठते हैं। इसलिए प्रत्येक व्यापार में अपनी कुल पूंजी के केवल एक हिस्से को जोखिम में डालना चाहिए।इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे शुरू करें?
- स्टेप 1: सैमको जैसे डिस्काउंट ब्रोकर के साथ एक ट्रेडिंग खाता खोलें।
- स्टेप 2: अपने ट्रेडिंग खाते में पैसा लगाएं और बाजार के रुझान की पहचान करने के लिए दैनिक चार्ट, मूविंग एवरेज आदि सेट करें।
- स्टेप 3: इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक्स का चयन करें। भारत में इंट्राडे ट्रेडिंग के नौसिखियों के लिए, यहां सर्वश्रेष्ठ शेयरों की सूची दी गई है।
- स्टेप 4: अपना ऑर्डर दें और सख्त स्टॉप-लॉस बनाए रखें।
- स्टेप 5: बाजारों को ट्रैक करें और अपनी ट्रेडिंग रणनीति के अनुसार अपने लाभ या हानि को बुक करें। डर या लालच को अपने व्यापार पर हावी न होने दें।
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