इस लेख में, हम चर्चा करेंगे
- सेंसेक्स क्या है?
- सेंसेक्स का हिस्टोरिकल परफॉर्मेंस
- आपको सेंसेक्स में इन्वेस्ट क्यों करना चाहिए
- सेंसेक्स में इन्वेस्ट के नुकसान
- अन्य इंडेक्स के मुक़ाबले बीएसई सेंसेक्स के कुछ फ़ायदे:
- सेंसेक्स इन्वेस्ट पर विशेषज्ञ राय
- सेंसेक्स में इन्वेस्ट करने से पहले विचार करने लायक फैक्टर
- सेंसेक्स में इन्वेस्ट कैसे करें
सेंसेक्स क्या है?
भारतीय शेयर मार्केट में सेंसेक्स सबसे लोकप्रिय स्टॉक मार्केट इंडेक्स है। यह शुरुआती भारतीय बेंचमार्क में से एक है। इसमें भारत के बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में ट्रेड होने वाली कंपनियों में से टॉप 30 चुने हुए स्टॉक शामिल हैं। ये 30 स्टॉक कुछ सबसे बड़ी कंपनियों के हैं और सबसे अधिक ट्रेड होने वाले स्टॉक हैं। सेंसेक्स की शुरुआत 1986 में हुई थी और इसे एसएंडपी चलाता है। इसकी कैलकुलेशन भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर दोनों करेंसी में की जाती है। यह मार्केट कैपिटलाइज़ेशन-वेटेड और फ्लोट-एडजस्टेड है। यह इंडिकेटर भारतीय इकॉनमी का महत्वपूर्ण पहलू है। सेंसेक्स 31 मार्च, 2023 को भारतीय समय के अनुसार 03.15 पर 1.72% की बढ़त के साथ 58955.53 पर था।सेंसेक्स का हिस्टोरिकल परफॉर्मेंस
सेंसेक्स बीएसई में लिस्टेड 30 प्रमुख कंपनियों के परफॉर्मेंस को उनकी लिक्विडिटी, ट्रेडिंग वॉल्यूम और इंडस्ट्री में प्रतिनिधित्व के आधार पर ट्रैक करता है। यह 1978-79 के बेस वैल्यू 100 के साथ एक फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइज़ेशन-वेटेड इंडेक्स है। सेंसेक्स ने भारत की इकॉनमी और ग्लोबल मार्केट में बदलाव के मद्देनज़र अपनी स्थापना के बाद से कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। यह बुल और बेयर मार्केट, मंदी और क्रैश, और बूम एवं बस्ट के कई दौर से गुज़रा है। नीचे दिए गए टेबल में पिछले 5 साल के सेंसेक्स के क्लोज़िंग वैल्यू को दिखाया गया है:साल | क्लोज़िंग वैल्यू |
2018 | 36068.33 |
2019 | 41306.02 |
2020 | 47751.33 |
2021 | 58,253.82 |
2022 | 60,840.74 |
आपको सेंसेक्स में इन्वेस्ट क्यों करना चाहिए
सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का बेंचमार्क इंडेक्स है और इसमें इन्वेस्ट करने के कई संभावित फ़ायदे हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:-
डायवर्सिफिकेशन और एक्सपोजर
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संभावित ग्रोथ
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टेबल इन्वेस्टमेंट ऑप्शन
सेंसेक्स में इन्वेस्ट के नुकसान
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वोलैटिलिटी
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ग्लोबल घटनाओं और राजनीतिक अस्थिरता से प्रभावित होता है
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कंज़र्वेटिव ऑप्शन
इंडेक्स | स्टॉक की संख्या | एक्सचेंज | बेस ईयर | बेस वैल्यू | सेक्टर का प्रतिनिधित्व | इन्वेस्टमेंट के मौक़े |
सेंसेक्स | 30 | बीएसई | 1978-79 | 100 | 12 सेक्टर में डायवर्सिफिकेशन | हाई |
निफ्टी 50 | 50 | एनएसई | 1995-96 | 1000 | 13 सेक्टर में डायवर्सिफिकेशन | हाई |
बीएसई मिडकैप | 101 | बीएसई | 2002-03 | 1000 | 18 सेक्टर में डायवर्सिफिकेशन | मॉडरेट |
निफ्टी मिडकैप100 | 100 | एनएसई | 2003-04 | 1000 | 17 सेक्टर में डायवर्सिफिकेशन | मॉडरेट |
बीएसई स्मॉलकैप | 751 | बीएसई | 2002-03 | 1000 | 23 सेक्टर में डायवर्सिफिकेशन | लो |
निफ्टी स्मॉलकैप 100 | 100 | एनएसई | 2004-05 | 1000 | 16 सेक्टर में डायवर्सिफिकेशन | लो |
अन्य इंडेक्स के मुक़ाबले बीएसई सेंसेक्स के कुछ फ़ायदे:
- इन्वेस्टर और मीडिया के बीच विश्वसनीयता और मान्यता के साथ सेंसेक्स भारत का सबसे पुराना और सबसे अधिक फॉलो किया जाने वाला इंडेक्स है।
- सेंसेक्स में प्रॉफिटैबिलिटी और गवर्नेंस के अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाली भारत की सबसे बड़ी और सबसे अधिक लिक्विड कंपनियां शामिल हैं।
- सेंसेक्स का टर्नओवर रेट कम है, जिसका मतलब है कि इसमें शामिल इकाइयां बार-बार नहीं बदलती हैं। इससे सेंसेक्स के परफॉर्मेंस पर मार्केट की अफवाह और अटकलों का असर कम होता है।
- सेंसेक्स अन्य ग्लोबल इंडेक्स जैसे एसएंडपी 500 और एनएससीआई इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स के साथ बहुत गहरे जुड़ा है। सेंसेक्स भारतीय इकॉनमी और ग्लोबल इकॉनमी के साथ इसके एकीकरण के लिहाज़ से अच्छा प्रॉक्सी है।
सेंसेक्स इन्वेस्ट पर विशेषज्ञ राय
- बर्जर पेंट्स के सीईओ अभिजीत रॉय ने चौथी तिमाही में लगभग डबल-डिजिट में ग्रोथ की भविष्यवाणी की है और उनका मानना है कि भारत के मार्केट में प्राइस कम करने की कोई ज़रुरत नहीं है।
- भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष दिनेश कुमार खारा को उम्मीद है कि रिटेल और कॉर्पोरेट क्षेत्रों में मज़बूत मांग, सरकार की इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रति प्रतिबद्धता और इंटरेस्ट रेट स्टेबल हो जाने के कारण फिनांशियल ईयर 2024 में 14-16% क्रेडिट ग्रोथ और एनआईएम विस्तार होगा।
- महेश नंदुरकर इंडस्ट्रियल कंपनियों के शेयर, रियल एस्टेट और बैंक के प्रति आशावादी हैं जिनमें इन्वेस्टमेंट से प्रेरित ग्रोथ के संकेत दिख रहे हैं।
सेंसेक्स में इन्वेस्ट करने से पहले विचार करने लायक फैक्टर
सेंसेक्स में इन्वेस्ट करने से पहले कई फैक्टर पर विचार करना ज़रूरी है। यहां कुछ प्रमुख फैक्टर दिए गए हैं जिन पर आपको ध्यान देना चाहिए:- इन्वेस्ट का उद्देश्य और रिस्क प्रोफाइल: सेंसेक्स में इन्वेस्ट करना उन लोगों के लिए अच्छा है जिनका होराइज़न लॉन्ग-टर्म है और रिस्क टॉलरेंस मॉडरेट है। सेंसेक्स समय के साथ स्थिर और लगातार रिटर्न देता है लेकिन अलग-अलग फैक्टर के कारण उतार-चढ़ाव और गिरावट के दौर से भी गुज़रता है। आपको सेंसेक्स में तभी इन्वेस्ट करना चाहिए जब यह आपके फिनांशियल गोल और रिस्क लेने की क्षमता के अनुरूप हो।
- डायवर्सिफिकेशन की स्ट्रेटेजी: सेंसेक्स में इन्वेस्ट करने से आपको भारतीय इकॉनमी और ग्लोबल इकॉनमी के साथ इसके एकीकरण का एक्सपोज़र मिल सकता है। यह आपको भारत के मार्केट के रिस्क और चैलेंज के करीब ला सकता है। रिस्क कम करने और रिटर्न बढ़ाने के लिए आपको अपने पोर्टफोलियो को अलग-अलग सेक्टर, इलाके और एसेट क्लास के आधार पर डायवर्सिफाय करना चाहिए।
- कॉस्ट और फीस: सेंसेक्स में इन्वेस्ट करने में अलग-अलग तरह के कॉस्ट और फीस शामिल होते हैं, जैसे ब्रोकरेज चार्ज, ट्रांजैक्शन चार्ज, सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी), स्टांप ड्यूटी, जीएसटी और फंड मैनेजमेंट फीस। ये कॉस्ट और फीस आपके रिटर्न में सेंध लगा सकते हैं और आपके नेट प्रॉफिट को प्रभावित कर सकते हैं। सेंसेक्स में इन्वेस्ट करने से पहले आपको अलग-अलग ब्रोकर और फंड हाउस की कॉस्ट और फीस की तुलना करनी चाहिए।
- फंड का चयन: सेंसेक्स में इन्वेस्ट करने के लिए कई फंड हैं, जैसे ईटीएफ, इंडेक्स फंड। ये फंड बगैर रिसर्च या इंडिविजुअल स्टॉक खरीदे कम कॉस्ट, पैसिव और डायवर्सिफिकेशन वाले एक्सपोज़र प्रदान करते हैं। हालाँकि, इन फंडों में भी अलग-अलग फीचर हो सकते हैं, जैसे ट्रैकिंग एरर, डिविडेंड पॉलिसी, टैक्सेशन, लिक्विडिटी और उपलब्धता। आपको वह फंड चुनना चाहिए जो आपकी ज़रूरतोंऔर प्राथमिकताओं के अनुकूल हो।
सेंसेक्स में इन्वेस्ट कैसे करें
आपके पास सेंसेक्स में इन्वेस्ट करने के कई तरीके हैं। सेंसेक्स में इन्वेस्ट करने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं: 1. सेंसेक्स के शेयरों में सीधे इन्वेस्ट करना - आप उन कंपनियों के शेयर खरीद सकते हैं जो सेंसेक्स की अंग हैं। बीएसई सेंसेक्स इंडेक्स में 30 स्टॉक शामिल हैं, और आप इन शेयरों में स्टॉक ब्रोकर या ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के ज़रिये इन्वेस्ट कर सकते हैं। 2. एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) - आप ईटीएफ के ज़रिये सेंसेक्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं, जो सेंसेक्स इंडेक्स के परफॉर्मेंस को ट्रैक करते हैं। ईटीएफ को स्टॉक एक्सचेंज में खरीदा और बेचा जा सकता है, जिससे इन्वेस्टर को डायवर्सिफिकेशन का फ़ायदा मिलता है।ETF | LTP | Volume | Values In Rs.Lakhs |
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एस एंड पी बीएसई सेंसेक्स ईटीएफ | 642.3 | 7171 | 45,71,512.50 |
एचडीएफसी सेंसेक्स ईटीएफ | 633 | 5785 | 36,41,888.90 |
यूटीआई एस एंड पी बीएसई सेंसेक्स ईटीएफ | 615.88 | 451 | 2,77,283.82 |
एलआईसी एमएफ एक्सचेंज ट्रेडेड फंड - सेंसेक्स | 628.41 | 61 | 38,368.39 |
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